आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
जय जय जय अनंत अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
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जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर read more शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥